कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी शुक्रवार को वाराणसी आ रही हैं। तीन घंटे के काशी प्रवास में प्रियंका नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने के दौरान गिरफ्तार आंदोलनकारियों से मुलाकात करेंगी। प्रियंका से आंदोलनकारियों की मुलाकात के लिए रामघाट पर गंगा किनारे स्थित गुलेरिया कोठी का चयन किया गया है। रामघाट जाने से पहले वह राजघाट (भैंसासुर) पर स्थित रविदास मंदिर में मत्था टेकने भी जाएंगी।
प्रोटोकाल के मुताबित प्रियंका गांधी सुबह 10 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुचेंगी। यहां से 11 बजे रामघाट स्थित गुलेरिया कोठी आएंगी। यहां करीब दो घंटे के प्रवास में आंदोलनकारी बीएचयू के छात्रों और सिविल सोसायटी के सदस्यों से मुलाकात करेंगी। इसमें दुधमुंही बच्ची चंपक के माता-पिता सहित कई अन्य समाज कार्यकर्ताओं शामिल होंगे। 19 दिसम्बर को बेनियाबाग में सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान करीब पचास से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।इन सभी लोगों से प्रियंका मिलेंगी। प्रियंका के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी रहेंगे।
गुलेरिया कोठी जाने से पहले प्रियंका गांधी राजघाट स्थित संत रविदास मंदिर आएंगी। रविदास प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन करेंगी। यहीं पर गंगा का आचमन करेंगी और स्टीमर से रामघाट जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक राजघाट पर शहर के कुछ बुद्धिजीवियों से भी प्रियंका मुलाकात करेंगी। प्रियंका के यहां आगमन के बाबत प्रशासन तैयारियों में जुटा रहा। रविदास मंदिर पर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था का हाल जाना। महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया है कि प्रियंका गांधी के दौरे को देखते हुए राष्ट्रीय सचिव बाजीराव खाड़े भी काशी आ चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रियंका के दौरे के बाबत जिला प्रशासन के पास कार्यक्रम का पत्र भेज दिया है।
प्रियंका गांधी लगातार आंदोलनकारियों के पक्ष में आवाज उठाती रही हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर कई ट्वीट के जरिये हमला बोला था। 19 दिसंबर को हुई गिरफ्तारी में दुधमुंही बच्ची चंपक के माता-पिता एकता और रवि भी थे। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था कि नागरिक प्रदर्शन को दबाने के लिए बीजेपी सरकार ने अमानवीयता दिखाई है।
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने कहा था कि बनारस में कई सारे छात्र, अंबेडकरवादी, गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उनको जेल भेज दिया है। एक परिवार का एक साल का बच्चा अकेले है।शांतिपूर्ण प्रदर्शन की ये सजा। सरकार का व्यवहार हद से बाहर हो चुका है।
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