

आज दिनांक 02/12/ 2024 को श्रीमान उत्तरा कुमार कश्यप प्रधान एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के आदेश में *श्रीमति अंजली पांण्डेय* न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति केशकाल के द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय -पीपरा एवं शासकीय कन्या शिक्षा परिसर -पीपरा, के छात्र-छात्राओं को माननीय महोदया द्वारा संबोधित करते हुए बताया कि, जितना सुरक्षित आप घर, छात्रावास ,स्कूल में रहते हैं उतना सुरक्षित आप बाहर कि दुनिया में नहीं रहते हैं । क्योंकि वहां आपको माता-पिता शिक्षक को का संरक्षण नहीं मिलेगा। कई बार क्या होता है कि जैसे घर में माता-पिता या स्कूल में शिक्षक कई बार आपको पनिशमेंट देते हैं या डांटे हैं तो नाराज होकर बाहर चले जाते हैं या गलत कदम उठाते हैं अगर आप कुछ गलत करेंगे तो मम्मी पापा थोड़ा सा लड़ाई झगड़ा करते हैं या डांटे हैं तो हमको नाराज नहीं होना है और बाहर नहीं जाना है बाहर की दुनिया के बारे आप नहीं समझ रहे हैं। बाहर की दुनिया अभी उतनी अच्छी नहीं है जितना आप सोचते हैं आपको किसी प्रकार का वहां संरक्षण नहीं मिलेगा इसीलिए मम्मी पापा डांटे तो नाराज नहीं होना है और बहार नहीं जाना है
जितना सुविधा स्कूल घर में छात्रावास यहां मिल रहा है खाने-पीने रहने सभी प्रकार का सुविधा मिल रहा है बाहर में अगर आप निकलते हैं अपने माता-पिता को छोड़कर और सोचते हैं कि हम खुश रहेंगे तो आप गलत सोच रहे हैं। आज बाहर की दुनिया में लड़कियों को भेज देते हैं ।और लड़कियों के साथ शारीरिक शोषण गंदे काम करवाते हैं आजकल के लोग पैसों के लिए मनुष्यों के अंग बेच देते हैं। या तो हाथ पैर काटकर भीख मांगने के लिए बैटा दिया जाता है। जो बच्चे उस प्रस्तति में है उनका बात मैं नहीं कर सकती बहुत गंदी प्रस्तति में होते हैं। क्योंकि मैं उन बच्चों से मिल चुकी हूं ।कई बार उनके साथ बहुत गंदे काम करवाए जाते हैं। आपको मैं यही बताना चाहूंगी अगर आपके साथ गलत होता है या कोई अनजान व्यक्ति आपको कहीं जाने की बात करें तो सबसे पहले आप अपने शिक्षक को बताइए माता-पिता को बताइए घर में बताइए और जो आपकी बात को समझ सके ऐसा व्यक्ति को बताएं और किसी अनजान व्यक्ति के साथ कहीं नहीं जाना क्योंकि हम कई बार सोचते हैं जिस लड़के को हम नहीं जानते उस लड़के के साथ प्यार हो जाता है। और प्यार के नाम से हम घर परिवार को मम्मी पापा को छोड़कर हम उसके भरोसे चल देते हैं। शादी के नाम पर तो ले जाता है लेकिन ले जाने के बाद आपको सिर्फ शारीरिक शोषण करेगा, मारेगा पिटेगा तो उस स्थिति में आप कुछ नहीं कर पाएंगे इसीलिए किसी भी व्यक्ति पर भरोसा ना करें पहले आप अपना पढ़ाई करें फिर कुछ बन जाए। और
लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012, बच्चों के ख़िलाफ़ होने वाले यौन अपराधों से निपटने के लिए बनाया गया कानून है:
यह कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़की दोनों पर लागू होता है.इस कानून के तहत, दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 10 वर्ष की सजा व अधिकतम मृत्यु दंड की सज़ा का प्रावधान है. तथा बाल पीड़ितों की पहचान गोपनीय रखने का प्रावधान है । एवं बाल दुर्व्यवहार के मामलों में रिपोर्टिंग करना ज़रूरी है।
इस कानून में, यौन शोषण की रिकॉर्डिंग करना ज़रूरी है.
इस कानून में, अभिभावक के बयान की रिकॉर्डिंग करना ज़रूरी होती है ।
और शिक्षा एवं खेल से संबंधित जानकारी देते हुए बताया की स्कूल में जो गतिविधियां होती है उसे गतिविधियों में आप भाग ले जो खेल अच्छा लगता है उस खेल में जरूर खेले क्योंकि पढ़ाई के साथ खेलना भी जरूरी है। खेल , संगीत के माध्यम से भी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं । इसीलिए हर गतिविधि में भाग लेना चाहिए।
और श्रीमति मनीषा तिवारी प्रतिधारक अधिवक्ता प्रबंध कार्यलय केशकाल के द्वारा भी बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि सबसे पहले आपको अभी पढ़ाई करना है और कुछ भी ग़लत काम नहीं करना है। और जानकारी देने के लिए स्कूल में श्रीमति मनीषा तिवारी प्रतिधारक अधिवक्ता के द्वारा अगला तिथि दी गई ।
और शिविर में उपस्थित श्रीमान महेश बघेल, अधिवक्ता व्यवहार न्यायालय केशकाल के द्वारा बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से लोगों को नियमों का सही पालन करने का बताया जाता है जैसे कि हम सड़क पर चलते हैं तो हमें अपना सही दिशा में चलना चाहिए अगर हम गलत दिशा में चलेंगे तो हम गलत हैं इसीलिए हर नागरिक के लिए संविधान में अधिकार दिया हुआ है तो हमको नियमों का पालन करना चाहिए।
शिविर में उपस्थित अधिकार मित्र।
अनिल कुमार मंडावी प्रबंध कार्यलय केशकाल, श्री रंजन बैध थाना ईरागांव,कु लैला मरकाम थाना विश्रामपुरी,कु चमेली यादव थाना-धनोरा।
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