*नहीं रहे वह शख्स जिन्होंने समाज को ऊंचाइयों तक लेने में अपना तन मन धन लगा दिए* स्व दादा फूलसिंह मरकाम शिक्षक ( बीआरसी )
रिपोर्टर:-देवा पांडे
युवाओं के प्रेरणा स्रो शत मार्गदर्शक समाज के आधार स्तंम हासपेन फुलसिंग मरकाम जी ऊर्जा से लबरेज एक प्रखर वक्ता के साथ ही साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे जो आज हमें छोड कर प्रकृति में विनिन हो गये। नही रहे ओ समाज के चिराग जिनको देखते ही युवक युवतियाँ एक नये जोश से भर जाते थे जिनकी बातों से युवा हमेशा जुड़ जाते थे। उनके गोंडी गीतों रेला पाटा से लोग झुम उठते थे देश में बहुत ही कम लोगों को पता है कि वे देश के ऐसे पहले शख्सियत है जिनके नेतृत्व में लंबी लड़ाई के बाद नगर पंचायत को पुनः ग्राम सभाओं की स्थापना करने में सफल हुए..गौरतलब है कि नगरीय निकाय सेड्यूल एरिया के लिए बहुत ही घातक होते जा रहे है या यह कंहे कि इससे संविधान के आर्टिकल 243(ZC) का सीधा सीधा मर्डर ही हो रहा है देश भर के तेजी से बढ़ते नगरीय क्षेत्र ग्राम_सभाओं को निगल कर आदिवासियों को उनके घर में ही अल्पसंख्यक बना रहे है इसके खिलाफ देश भर में बहुत ही मुखर आंदोलन होते रहे हैं हासपेन फुलसिंग मरकाम जी देश में पहले ऐसे शख्सियत थे जिनके नेतृत्व में अपने गृह नगर विश्रामपुरी को वापस ग्राम सभाओं का दर्जा दिलाने में 21 सिंतबर 2015 में सफलता अर्जित किऐ थे..इसके लिए बहुत बड़े बड़े आंदोलन व संवैधानिक लड़ाईयां भी लड़नी पड़ी थी आज उनके इस सफलता से प्रेरित होकर देश के सैकड़ों नगरीय निकायों में नगरीय निकायों को विघटित कर ग्राम सभाओं के द्वारा संचालित करने की मुहिम चल पडी है बहुत से जगहों पर सफलताऐ भी मिलनी शुरू हो गई है। इसी प्रकार 32℅ आंदोलन, परिसीमन आंदोलन, वनाधिकार मान्यता कानून, ग्रामसभा सशक्तिकरण, गोंडवाना महासभा का गठन, गोटुल आंदोलन आदि में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है दहेज प्रथा जैसे कुरूतियों का आप मुखर विरोधी रहे हैं गोंडवाना समाज के आप संभागीय सचिव भी रहे हैं । आप टीम केबीकेएस के मुख्य मार्गदर्शक रहते हुए बहुत से संवैधानिक व कोया पुनेम प्रशिक्षण शिविरों के आधार स्तंभ रहे हैं आपने एक अलग तरीके के शैक्षणिक सिस्टम लिंगों_गोटुल छात्रवास व कोयाबुक_बैंक_विश्रामपुरी की भी आधारशिला रखी है जिससे हजारों विद्याथियों को लाभ मिल रही है
आपके बारे में यह भी बहुत कम लोगों को पता है कि केबीकेएस स्वरोजगार विंग के माध्यम से आपने 145 युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार व व्यवसाय में प्रेरित किया है जिनमें से अधिकांश आज सफल व्यवसायी है युवाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने के लिए वे स्वयं अपने घरेलू सदस्यों के लिए पेट्रोल पंप, कृषि सेवा केंद्र वा हार्डवेयर एंड इलेक्ट्रॉनिक सफलतापूर्वक संचालित करते आ रहे हैं वे हमेशा खुद उदाहरण प्रस्तुत कर युवाओं को प्रेरित किया करते थे पेशे से वे शिक्षक थे शिक्षा क्षेत्र में भी वे काफी शोध कर स्थानीय भाषाओं में बच्चों के लिए पाठ्यक्रम विकसित किऐ हुए थे युनिसेफ के साथ भी उनका छोटे बच्चों की शिक्षा के लिए काम चल रहा था गोंडी लैग्वेज को आठवीं_अनुसूची में शामिल करने के मुहिम में भी आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे. आप एन एम डिसी लिमिटेड बैलाडिला आयरन माइन से जनजाति गौरव दिवस 2022 में शहीद गुंडाधुर सम्मान से सम्मानित हुए थे ऐसे अनेक बातें हैं जो हमें भावुक कर रहीं हैं हमें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि आप हमारे बीच नहीं है। हर बड़े आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे विभिन्न शोध यात्राओं में सम्मिलित होते रहे केबीकेएस के लिए लगातार सलाहकार कि भूमिका निभाते रहे एक प्रखर वक्ता व मंच संचालन करते हुए लाखों की भिड़ को अपने बातों से मंत्रमुग्ध करने की आपमें अद्भुत प्रतिभा थी आपने गोंडी लैंग्वेज को आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने के लिए भी एक लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं आप गोंडी के अच्छे गीतकार व गायक भी रहे हैं आपके गीतों से युवक युवतियाँ झुम जाया करती थी आपकी गीत और रोचक बांते कभी खत्म नही होती थी आपने हजारों लोगों को प्रेरित किया आपके अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब इसका उदाहरण है आपके बारे में जितना भी लिखूँ कम है। आपकी मार्गदर्शन और आपका आशीर्वाद हमेशा हम युवाओं के बीच बना रहेगा क्योंकि आपने ही हमें समाज की नई किरण को जानने का सिख दिया है। आपके यूं चले जाना समाज के लिए बहुत बड़ी छती है। जब भी समाज स्तर से कुछ कार्य होगा और आपकी सिखाएं मार्ग पर हम चलेंगे तो निश्चित रूप पर आपके ना रहने की कमी का एहसास होगा। निश्चित रूप पर हम आपके सपने को पूरा करने का कोशिश करेंगे। और आप के सिखाए हुए मार्ग पर हम हमेशा चलते रहेंगे। आपके अंतिम संस्कार में हजारों के जनसंख्या में लोग आ कर पारंपरिक रेला नृत्य के साथ आपका अंतिम विदाई किये।
युवा प्रभाग बडेराजपुर एवं कोया भुमकाल क्रांति सेना भारत की ओर से आपको विनम्र श्रद्धांजलि आपकी यादें हमें हमेशा सताते रहेगा।
कैलाश मरकाम- मेरे बड़े भैया स्व श्री फूलसिंह मरकाम दादा के मार्गदर्शन से अभी भी मैं चलता हूं उन्होंने मुझे समाज के बारे में बहुत कुछ सिखाया मेरे गुरु सबसे पहले फूलसिंह मरकाम दादा है
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