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*संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के लिए जोश और उत्साह के साथ खिलाड़ी तैयार* *जिले से 368 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का करेंगे प्रदर्शन*

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आकिब नथानी केशकाल /* मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग के युवाओं के खेल प्रतिभा को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से न केवल यहां के खेल प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन के लिए नया मंच मिल रहा है बल्कि यहां के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए अवसर भी मिला है। इसके अंतर्गत जिला स्तरीय प्रतियोगिता 20 से 24 नवंबर तक भव्य आयोजन हुआ, जिसमें जिले के सभी विकासखण्ड से लगभग 2000 खिलाड़ियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। जिला स्तरीय आयोजन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजेता खिलाड़ी अब संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में अपनी खेल कौशल का प्रदर्शन करेंगे। जिले के खिलाड़ियों में संभाग स्तर पर खेलने के लिए जोश एवं उत्साह साफ दिखाई दे रहा है और इसके लिए खिलाड़ी अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गये हैं। कोण्डागांव जिले से विभिन्न खेलों में 368 खिलाड़ी भाग लेंगे।

जिला स्तरीय प्रतियोगिता के व्हॉलीबॉल खेल में कोण्डागांव विकासखण्ड के विजेता खिलाड़ियों ने बस्तर ओलंपिक के संभाग स्तरीय आयोजन में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। कोण्डागांव विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम गोलावंड के रहने वाले व्हालीबॉल टीम ने भी जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक में टीम भावना के साथ खेलते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जीत हासिल किया है। उनकी टीम के सभी सदस्य एक ही गांव के रहने वाले हैं, व्हालीबॉल खेल के प्रति ग्रामीण युवाओं के इसी जुनून के कारण उन्होंने टीम बनाकर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। अब टीम के सभी सदस्य संभाग स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा को दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

 

*गोलावंड के युवा व्हॉलीबाल में बना रहे नई पहचान*

गोलावंड के युवा व्हॉलीबाल खेल में अपनी नई पहचान बना रहे हैं। युवाओं का सपना है कि व्हॉलीबाल खेल के क्षेत्र में अपने कौशल का प्रदर्शन कर जिले और राज्य का नाम रोशन करें। उनके सपने को साकार करने की दिशा में बस्तर ओलम्पिक एक नई उम्मीद बनी है। टीम के कप्तान अलेख कोर्राम ने बताया कि वे कक्षा 10वीं के छात्र हैं और कक्षा 09 से विद्यालयीन खेलों में भाग लेते आ रहे हैं। उनके परिवार में शुरू से ही खेल का माहौल रहा है और इसी माहौल में पले-बढ़े हैं। उनके पिता श्री पीलाराम कोर्राम भी अपने समय में एक अच्छे खिलाड़ी रह चुके हैं और जिला स्तरीय प्रतियोगिता के विजेता भी रहे चुके हैं। साथ ही उनकी माता सुनीता कोर्राम भी खिलाड़ी रह चुकी हैं। इसके अलावा उनका बड़ा भाई मनमोहन भी व्हॉलीबाल के खिलाड़ी हैं। इस तरह बचपन से ही खेल के प्रति लगाव रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार उन्हें जिला स्तरीय प्रतियोगिता में खेलने का मौका मिला है। अलेख ने उम्मीद जताया कि अपने टीम के साथ संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन करेंगे।

विशाल कोर्राम भी 10वीं के छात्र हैं और कक्षा 07वीं से स्कूल के प्रतियोगिताओं में भाग लेते आ रहे हैं। उनके परिवार में माता-पिता और चार भाई हैं। बस्तर ओलंपिक में उन्हें विकाखण्ड के साथ जिला स्तर पर स्तर पर पहली बार खेलने का मौका मिला है और उनकी टीम विजय हुई हैं। इसी प्रकार जशवंत कोर्राम ने बताया कि वे कक्षा 11वीं के छात्र हैं। बस्तर ओलंपिक के माध्यम से उन्हें पहली बार जिला स्तर के आयोजन में खेलने का मौका मिला है। उन्होंने बताया कि बस्तर ओलंपिक के आयोजन से उन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए अच्छा मंच मिला है। टीम में युशांत सेठिया, यशवंत सेठिया, विशाल कोर्राम और अभिजित कोर्राम सहित गांव के अन्य युवा शामिल है। पढ़ाई के साथ खेल के प्रति समर्पण और जुनून ने आज ग्रामीण युवाओं को इस मुकाम तक पहुंचाया है। सभी युवा खिलाड़ियों उनकी प्रतिभा को नया मंच देने के लिए मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद दिया।

 

*युवाओं के हुनर को नया मंच देता बस्तर ओलम्पिक*

बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से माओवाद ने विकास को बाधित किया था। युवा वर्ग जो कभी माओवाद के प्रभाव से मुख्य धारा से जुड़ नहीं पाए थे वे अब बस्तर ओलम्पिक के माध्यम से खेलों की ओर रुख कर रहे हैं। साथ ही ऐसे कई युवा हैं जो सेना में शामिल हो कर देश की रक्षा करने की सोच रखते हैं उनके सपनों में बस्तर ओलम्पिक ने पंख लगा दिए हैं। आज क्षेत्र के युवाओं ने खेलों में भागीदारी के माध्यम से न केवल अपनी क्षमताओं को पहचाना है, बल्कि अपने गांव, जिला और राज्य का नाम रोशन करने की ओर कदम बढ़ाया है। ऐसे में बस्तर ओलम्पिक का आयोजन ऐसे युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। यह न केवल राज्य के पारंपरिक खेलों को सहेजने और संवारने का माध्यम बना है, बल्कि युवाओं के भविष्य को गढ़ने में मददगार हो रहा है।