अछि किस्मत से मिलती हैं अशवीरा सी बिटिया-अनवर खान
योगेश गोस्वामी संवाददाता
जगदलपुर . आम तौर बच्चों की पहचान माता – पिता से होती है। ऐसे सौभाग्यशाली माता पिता बहुत कम होते हैं, जिनकी पहचान अपनी संतान से बनती है। वैसे तो जगदलपुर के समाजसेवी एवं कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता अनवर हुसैन ( अनवर खान )किसी परिचय और पहचान के मोहताज नहीं हैं, मगर उनकी इस पहचान पर उनकी बेटी अशविरा हुसैन चार चांद लगा दिए हैं। अशविरा जिस स्कूल के दम पर आज बड़े मुकाम की ओर बढ़ चुकी है, उस स्कूल प्रबंधन ने जब अनवर हुसैन का सम्मान किया, तो उनका सीना गर्व से और भी चौड़ा हो गया।
निर्मल विद्यालय जगदलपुर में गणित और कम्प्यूटर साइंस की स्टूडेंट रही अशविरा हुसैन बड़ी ही मेधावी छात्रा है। अशविरा निर्मल स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा में सिलेक्ट होकर देश की सबसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) में इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। पहले स्कूली बोर्ड परीक्षा में शानदार रिजल्ट लाकर अवशिरा हुसैन ने अपने अब्बू अम्मी का मान बढ़ाया, फिर सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के बाद एनआईटी में पढ़ाई के लिए चयनित होकर के पिता अनवर हुसैन का सीना गर्व से और भी चौड़ा कर दिया। पिता अनवर हुसैन के लिए तो अशविरा खुशियों की नेमत लेकर इस दुनिया में आई है। अनवर हुसैन का सीना तब 56 इंच को पार कर गया, जब बेटी की उपलब्धि पर निर्मल स्कूल प्रबंधन ने उन्हें सम्मानित किया। पिता अनवर हुसैन खुशी से फुले नहीं समा रहे थे। बड़े नसीब वालों को मिलती है अशविरा जैसी बेटी।
अनवर हुसैन कहते हैं कि ऎसी बेटियां सचमुच सौभाग्य से मिलती हैं। उन्होंने सभी माता पिता से अपील की है कि अपनी बेटियों को खूब पढ़ाएं, उन्हें हर तरह की खुशियां और सुविधाएं दें, बेटा बेटी में फर्क न करें। मेरी बिटिया मेरा अभिमान है
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