

*छत्तीसगढ़ में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन: युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया पर सवाल*
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने राज्य सरकार पर प्राथमिक विद्यालयों को “दाल भात केंद्र” में बदलने की साजिश का आरोप लगाया है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने दोषपूर्ण युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इस नीति से शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी।
*सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल*
फेडरेशन ने सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल उठाया है। एक तरफ परीक्षा परिणाम खराब आने पर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती है, दूसरी ओर शिक्षकों की संख्या घटा कर शालाओं को अकुशलता की ओर धकेला जा रहा है। मिश्रा ने कहा कि जब तक बच्चों को बुनियादी और मजबूत प्रारंभिक शिक्षा नहीं मिलेगी, तब तक दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों में सुधार संभव नहीं है।
*युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया पर विरोध*
फेडरेशन ने युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया का कड़ा विरोध किया है। मिश्रा ने कहा कि यदि सेटअप में बदलाव कर शिक्षकों की संख्या घटाई गई तो फेडरेशन सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा। फेडरेशन की मांग है कि सबसे पहले उन स्कूलों की पहचान की जाए जहां अनुपात से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, और इसके लिए पहले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
*आंदोलन की तैयारी*
फेडरेशन ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। मिश्रा ने कहा कि जल्द ही विभिन्न शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों का दल मुख्यमंत्री से भेंट कर मांग करेगा कि युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया 2008 के सेटअप के अनुसार हो। यदि सरकार ने सेटअप में मनमाना बदलाव किया, तो प्रदेशभर में “पालक जागो अभियान” चलाकर व्यापक विरोध किया जाएगा।
*न्यायालय की शरण लेने की चेतावनी*
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला कोडागांव के सह संयोजक लोकेश गायकवाड ने कहा कि यदि प्राचार्य, खंड शिक्षा अधिकारी या जिला शिक्षा अधिकारी गलत सूची तैयार कर शिक्षकों को परेशान करते हैं तो फेडरेशन न्यायालय की शरण लेगा। गायकवाड ने कहा कि सरकार से युक्तियुक्तिकरण को लेकर शिक्षक हित से खिलवाड़ नहीं करने की मांग की है।
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