

. . कोंडागांव जिला का अजीबोगरीब मामला—
*संदिग्ध खाद लदी ट्रकों को पकड़कर जांच कार्रवाई करने वाले कृषि विभाग के अधिकारी ट्रकों को थाना से छोड़े जाने पर जाहिर कर
केशकाल।5 जनवरी की सुबह दो ट्रक में बिक्री करने केशकाल तहसील के ग्राम -सिलाटी पंहुचे संदिग्ध खाद को पकड़ने के लिए जिला मुख्यालय कोंडागांव से कृषि विभाग के अधिकारी भागे दौड़े सुबह सुबह गांव में पंहुच गये और बडी मशक्कत करके 482बोरी खाद को जप्त करने में कामयाबी अर्जित किया ।
कृषि विभाग की इस छापामार कार्रवाई की जानकारी केशकाल के तत्कालीन एस.डी.एम.श्री शंकरलाल सिन्हा को मिलन जाने से वो भी मौके पर पंहुच गये । खाद गोदाम में न रखवाकर खाद का सैंपल लेकर दोनों ट्रकों को पुलिस थाना धनौरा में खड़ा करवा दिया गया ।
जानकार यह बताते हैं की खाद परिवहन करने वाले ट्रक के ड्राईव्हरों के पास खाद से संबंधित कोई भी बिल भाऊचर या कोई भी कागजात नहीं मिला । ट्रक ड्राईव्हरों ने और सिलाटी में जिस घर में खाद उतारा जा रहा था उन्होंने संतोषप्रद जानकारी नहीं दिया। जिससे मामला और रहस्यमय बन गया।
कृषि विभाग के अधिकारी मामले की तह तक पंहुचने का प्रयास करते प्रकरंण पंजीबद्ध कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।
पकड़े गये खाद की टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ पाया और न जांच पूर्ण हो पाया इसके पहले ही आश्चर्यजनक ढंग से पुलिस थाना धनौरा से ट्रकों को छोड़ दिया गया ।
कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है की मामला हमारे विभाग का है तथा हमारे विभाग द्वारा ट्रकों को पुलिस थाना में खड़ी करवाया गया था फिर हमारे विभाग द्वारा खड़े करवायें गये ट्रकों को पुलिस थाना धनौरा द्वारा कैसे किस आदेश से छोड़ दिया इसकी जानकारी हमें नहीं है पर हम विधिवत इसकी जानकारी लेंगे।
अब यह मामला जनचर्चा का विषय बन गया है ।
उल्लेखनीय है कि पूरे क्षेत्र में और प्रदेश में डी.ए.पी.खाद का सार्टेज चल रहा है जिसका लाभ उठाते दूसरे अमानक खाद को डी.ए.पी.खाद से अच्छा बताकर मुनाफाखोरों द्वारा अधिक दर पर बेचकर जमकर मुनाफाखोरी किया जा रहा है ।डी.ए.पी.खाद के सार्टेज का लाभ उठाते गांव के सीधे सहज किसानों को गुंणवत्ताविहिन अमानक खाद फर्टिलाइजर अधिनियम का उल्लघंन करके विक्रय करने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाना जरूरी माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इस तरह का मामला आने से शासन प्रशासन पर अनावश्यक सवाल खड़ा होने लगा है ।
*5जनवरी को ही वाहन छोड़ने जारी कर दिया गया आदेश*
ट्रकों को छोड़ें जाने के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल के द्वारा 5जनवरी को ही ज्ञापन जारी कर थाना प्रभारी धनौरा को ट्रकों को छोड़ने आदेश दे दिया था ,जिसका पालन करते थानाप्रभारी ने दोनों ट्रकों को छोड़ दिया।
ध्यान देने वाली खास बात यह है कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल का स्थानांतरण आदेश जारी हो चुका था और उन्होंने 5जनवरी को ही अपना कार्यभार नवपदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री साहू को सौंप दिया था ।
स्थानान्तरण आदेश मिलने के ही दिन कोंडागांव जिला मुख्यालय पंहुचकर नवपदस्थ कलेक्टर से मिल लेना और उसके बाद पकड़े गये खाद के ट्रकों को छोड़ने आनन फानन में आदेश जारी कर देना सवाल दर सवाल खड़ा कर दे रहा है ।
केशकाल।5 जनवरी की सुबह दो ट्रक में बिक्री करने केशकाल तहसील के ग्राम -सिलाटी पंहुचे संदिग्ध खाद को पकड़ने के लिए जिला मुख्यालय कोंडागांव से कृषि विभाग के अधिकारी भागे दौड़े सुबह सुबह गांव में पंहुच गये और बडी मशक्कत करके 482बोरी खाद को जप्त करने में कामयाबी अर्जित किया ।
कृषि विभाग की इस छापामार कार्रवाई की जानकारी केशकाल के तत्कालीन एस.डी.एम.श्री शंकरलाल सिन्हा को मिलन जाने से वो भी मौके पर पंहुच गये । खाद गोदाम में न रखवाकर खाद का सैंपल लेकर दोनों ट्रकों को पुलिस थाना धनौरा में खड़ा करवा दिया गया ।
जानकार यह बताते हैं की खाद परिवहन करने वाले ट्रक के ड्राईव्हरों के पास खाद से संबंधित कोई भी बिल भाऊचर या कोई भी कागजात नहीं मिला । ट्रक ड्राईव्हरों ने और सिलाटी में जिस घर में खाद उतारा जा रहा था उन्होंने संतोषप्रद जानकारी नहीं दिया। जिससे मामला और रहस्यमय बन गया।
कृषि विभाग के अधिकारी मामले की तह तक पंहुचने का प्रयास करते प्रकरंण पंजीबद्ध कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।
पकड़े गये खाद की टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ पाया और न जांच पूर्ण हो पाया इसके पहले ही आश्चर्यजनक ढंग से पुलिस थाना धनौरा से ट्रकों को छोड़ दिया गया ।
कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है की मामला हमारे विभाग का है तथा हमारे विभाग द्वारा ट्रकों को पुलिस थाना में खड़ी करवाया गया था फिर हमारे विभाग द्वारा खड़े करवायें गये ट्रकों को पुलिस थाना धनौरा द्वारा कैसे किस आदेश से छोड़ दिया इसकी जानकारी हमें नहीं है पर हम विधिवत इसकी जानकारी लेंगे।
अब यह मामला जनचर्चा का विषय बन गया है ।
उल्लेखनीय है कि पूरे क्षेत्र में और प्रदेश में डी.ए.पी.खाद का सार्टेज चल रहा है जिसका लाभ उठाते दूसरे अमानक खाद को डी.ए.पी.खाद से अच्छा बताकर मुनाफाखोरों द्वारा अधिक दर पर बेचकर जमकर मुनाफाखोरी किया जा रहा है ।डी.ए.पी.खाद के सार्टेज का लाभ उठाते गांव के सीधे सहज किसानों को गुंणवत्ताविहिन अमानक खाद फर्टिलाइजर अधिनियम का उल्लघंन करके विक्रय करने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किया जाना जरूरी माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इस तरह का मामला आने से शासन प्रशासन पर अनावश्यक सवाल खड़ा होने लगा है ।
*5जनवरी को ही वाहन छोड़ने जारी कर दिया गया आदेश*
ट्रकों को छोड़ें जाने के संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल के द्वारा 5जनवरी को ही ज्ञापन जारी कर थाना प्रभारी धनौरा को ट्रकों को छोड़ने आदेश दे दिया था ,जिसका पालन करते थानाप्रभारी ने दोनों ट्रकों को छोड़ दिया।
ध्यान देने वाली खास बात यह है कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल का स्थानांतरण आदेश जारी हो चुका था और उन्होंने 5जनवरी को ही अपना कार्यभार नवपदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री साहू को सौंप दिया था ।
स्थानान्तरण आदेश मिलने के ही दिन कोंडागांव जिला मुख्यालय पंहुचकर नवपदस्थ कलेक्टर से मिल लेना और उसके बाद पकड़े गये खाद के ट्रकों को छोड़ने आनन फानन में आदेश जारी कर देना सवाल दर सवाल खड़ा कर दे रहा है ।
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