

*जल जीवन मिशन: ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान या कागजी योजना?*
केसकाल से सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन की कारगरता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में स्वच्छ व पर्याप्त पानी की व्यवस्था करना है, लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं दिख रहा है। कई ग्रामों में योजना केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है, जहां पानी की टंकी अधूरी है या पाइप लाइन का विस्तार नहीं हुआ है।
*जल जीवन मिशन की स्थिति*
– योजना के तहत देश में 5,55,52,125 परिवारों तक जल कनेक्शन पहुंच चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य का लगभग 30 प्रतिशत है।
– अभी भी 70 प्रतिशत परिवारों तक जल कनेक्शन पहुंचाना बाकी है।
– योजना का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना था, लेकिन अधिकांश ग्रामों में यह लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है।
*समस्याओं के कारण*
– कोविड 19 के चलते योजना में देरी हुई है, लेकिन इससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।
– ठेकेदारों की लापरवाही और विभागीय उदासीनता के कारण योजना का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
– मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन की अनियमितताएं सामने आने लगी हैं, जिससे योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं¹।
*आगे की राह*
– लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पी एच ई) को संबंधित ठेकेदारों को कार्य पूरा करने हेतु आवश्यक कदम उठाने होंगे।
– विभाग को अपनी उदासीनता छोड़कर योजना को धरातल पर पूरा करने के लिए काम करना होगा।
– सरकार को भी योजना की निगरानी करनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि योजना के उद्देश्य पूरे हों।
– केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन का बजट बढ़ाकर 67,000 करोड़ रुपये कर दिया है और इसकी समय सीमा 2028 तक बढ़ा दी है, जिससे ग्रामीण जल परियोजनाओं को पर्याप्त धन मिल सकेगा²।
*क्या है जल जीवन मिशन का भविष्य?*
जल जीवन मिशन की सफलता के लिए सरकार और विभाग को मिलकर काम करना होगा। योजना की निगरानी और समीक्षा करनी होगी और आवश्यक कदम उठाने होंगे। तभी जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या का समाधान हो सकता है और योजना के उद्देश्य पूरे हो सकते हैं।³
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