*ब्लाक स्तरीय :-संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 9अगस्त विश्व आदिवासी दिवस गोंडवाना भवन केशकाल में मनाया गया*
इस अवसर पर दिवस में केशकाल ब्लाक के 10 उपखंड क्षेत्र सहित पुरे ब्लाक के आदिवासी समाज के सामाजिक पदधिकारी गायता पटेल मांझी मुखिया पेरमा वडे अधिकारी कर्मचारी अधिकारी पंच सरपंच सचिव जनपद सदस्य ग्राम सभा अध्यक्ष किसान मजदूर व्यापारी एंव गोटूल लया लयोरो ने आदिवासी पारम्परिक वेशभूषा वाद्ययंत्र हुल्की पर्रा। नरी पर्रा के साथ। ब्लाक स्तरीय कार्यक्रम में शामिल हुए इस
विश्व आदिवासी दिवस में उपस्थित। समाज प्रमुख। एंव माटी गायता पटेल के द्वारा। बुढालपेन के छायाचित्र पर आदिवासी संस्कृति परम्परानुसार विधिवत पेन सेवा अर्जी विनती पाटा के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया सेवा अर्जी के पश्चात आयोजन समिति गोंडवाना समाज समन्वय समिति ब्लाक ईकाई के युवा प्रभाग के द्वारा सभी क्षेत्रों से आये हुए अगन्तुक सामाजिक पदधिकारी। अध्यक्ष सचिव गायता पटेल मांझी मुखिया पेरमा वडे अधिकारी कर्मचारी सरपंच सचिव जनपद सदस्य ग्राम सभा अध्यक्ष एंव वक्ताओं का कम्का नुकांग / चांवल इरूम पुंगार। महुआ फूल के साथ स्वागत किया गया
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गोंडवाना समाज समन्वय समिति केशकाल के संरक्षक तिरूमाल। मानसिंह मरकाम ने अपने सम्बोधन में सबसे पहले 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस की। बधाई दी आगे मरकाम जी ने इस अवसर पर समाज को मार्गदर्शन के रूप में अपील किया की आदिवासी समाज हजारों साल से अपने पारम्परिक रूढि प्रथा के साथ कार्य करते व चलते आ रहा है आदिवासी समाज की एक अलग पहचान व संविधान है उस संविधान से संचालित होते आ रही है। अपने समाज की रीति नीति परम्परा संस्कृति को हमेशा बनाये रखने की बात कही
साथ ही इस कार्यक्रम में बालोद जिले से उपस्थित वक्ता तिरूमाल दिनेश गावडे जी ने नार्र व्यवस्था। की विस्तृत जानकारी दी साथ ही बालोद जिले से हि प्रखर वक्ता के रूप में केशकाल के धरती गोंडवाना भवन में उपस्थित खोरबहरा मन्डावी जी ने समाज को सम्बोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी दिवस मनाने की उद्देश्य को बताते हुए कहा कि यह दिवस केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के 193 देश में मनाये जाते हैं आदिवासी दिवस मनाने के पीछे कारण यह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य विश्व के आदिवासी समाज हमेशा से उपेक्षा का शिकार। है जैसे गरीबी अशिक्षा बेरोजगारी बंधवा मजदूरी समस्याओ से ग्रसित है क्या वास्तविकता में आदिवासियों का संवैधानिक हक अधिकार उन्हे मिल रहे हैं आदिवासी समाज हमेशा से आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक रूप से। पीछडने के कारण। संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य यहा है की आदिवासी समाज अपने रीति नीति परम्परा संस्कृति एंव पांचवी अनुच्छेद 244/1 छटवी 244/2 में उनके जल जंगल जमीन को संरक्षण व संवर्धन करने के उद्देश्य 9अगस्त विश्व आदिवासी दिवस घोषित की गई यह दिवस 1994/95से विश्व के 193 देश में मनाये जाते हैं। आगे मन्डावी जी ने एक कदम गांव की ओर ग्राम सभा शसक्तीकरण को लेकर बात रखी। साथ ही वन अधिकार मान्यता कानून 2006 पर समाज के लोगों को अपने अपने गांवो की पारम्परिक पेन सीमा को सीमांकन कर दावा करने की अपील की 3बजे से गोंडवाना भवन केशकाल से बसस्टेशन तक आदिवासी पारम्परिक बाजा गाजा नारा रेला पाटा के साथ शांति पुर्वक रैली का आयोजन किया गया रैली के वापसी में डीपो चौक में। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में निवासरत आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी के अवसर पर समाज की संवैधानिक मुद्दों को लेकर ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल के माध्यम महामहिम राज्यपाल को सौंपा गया
तत्पश्चात गोंडवाना भवन केशकाल में रैली समापन किया गया ब्लाक स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने में गोंडवाना समाज समन्वय समिति ब्लाक ईकाई केशकाल के संरक्षक तिरु नाथूराम ठाकुर, तिरु गांडोराम मंडावी, अध्यक्ष तिरु सताउ राम नेताम सचिव तिरु मंगलसाय नेताम, तिरु सुखलाल दर्रों, तिरु ओमप्रकाश मरकाम तिरु प्रभु मरकाम।युवा प्रभाग के अध्यक्ष। तिरूमाल संजय मरकाम मीडीया प्रभारी जीतू गोंड। उत्तम सलाम राजेश आचला धनू सलाम, अशोक नाग,सितेश कुंजाम लव नेताम प्रकाश शोरी खेमलाल उसेंडी, शंभू जुरी, रमेश नेताम,सत्या मंडावी, मोनिका नाग, कुशल मंडावी, आशाराम, रामचंद्र बधेल समस्त क्षेत्र अध्यक्ष आदि।
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